कच्चे तेल की कीमतों में भारी गिरावट? जाने आज के आपके शहर के पेट्रोल डीजल के ताजा रेट Petrol Diesel Rate

Petrol Diesel Rate: इन दिनों भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव और वैश्विक आर्थिक सुस्ती के चलते अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें गिरकर चार साल के न्यूनतम स्तर पर पहुंच गई हैं. इसके बावजूद भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं हुआ है. आम जनता को राहत की उम्मीद थी, लेकिन फिलहाल ऐसा होता नहीं दिख रहा.

आज के पेट्रोल-डीजल रेट क्या हैं?

8 मई 2025 को जारी रेट्स के अनुसार, दिल्ली में पेट्रोल ₹94.77 और डीजल ₹87.67 प्रति लीटर पर बना हुआ है. यानी कोई बदलाव नहीं हुआ. वहीं, भारत में सबसे सस्ता पेट्रोल-डीजल पोर्ट ब्लेयर में मिल रहा है. वहां पेट्रोल ₹82.46 और डीजल ₹78.05 प्रति लीटर पर है.

60 डॉलर के करीब पहुंचा क्रूड ऑयल

ब्रेंट क्रूड ऑयल की कीमत फिलहाल 61.11 डॉलर प्रति बैरल है, जबकि WTI (West Texas Intermediate) की कीमत 58.10 डॉलर प्रति बैरल पर आ चुकी है. यह भाव पिछले चार वर्षों में सबसे कम है. अगर यह गिरावट बनी रहती है, तो भारत को कच्चे तेल और LNG के आयात पर 1.8 लाख करोड़ रुपये तक की बचत हो सकती है. यह अनुमान रेटिंग एजेंसी ICRA ने लगाया है.

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भारत की कच्चे तेल पर निर्भरता कितनी है?

भारत कुल जरूरत का 85% से अधिक कच्चा तेल आयात करता है. वित्त वर्ष 2024-25 में भारत ने 242.4 अरब डॉलर की रकम विदेशी तेल खरीद में खर्च की. इस लिहाज से क्रूड ऑयल की गिरती कीमतें सरकारी बजट और व्यापार घाटा दोनों के लिए राहतकारी साबित हो सकती हैं.

पेट्रोल-डीजल पर कंपनियों को कितना मुनाफा?

विशेषज्ञों के अनुसार, तेल कंपनियां इस समय प्रति लीटर पेट्रोल और डीजल पर ₹10-12 तक का मुनाफा कमा रही हैं. यानी अंतरराष्ट्रीय कीमतें भले ही गिर रही हों, लेकिन उसका फायदा ग्राहकों को नहीं दिया जा रहा.

8 अप्रैल 2025 को IOC ने पेट्रोल का बेस प्राइस ₹54.84 से घटाकर ₹52.84 कर दिया, लेकिन सरकार ने एक्साइज ड्यूटी बढ़ाकर ₹2 का सीधा फायदा खुद ले लिया. इससे रिटेल प्राइस में कोई राहत नहीं दिखी.

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हरदीप पुरी का बयान और भविष्य की उम्मीद

पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी पहले कह चुके हैं कि जब तेल कंपनियों का औसत स्टॉक $60-65 प्रति बैरल के बीच आ जाएगा, तभी पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कटौती की संभावनाएं बनेंगी. अब जब कच्चे तेल की कीमत इस रेंज में आ चुकी है, तो आने वाले दिनों में रेट में गिरावट की उम्मीद की जा सकती है, लेकिन यह सरकार और कंपनियों की मंशा पर निर्भर करेगा.

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